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पंचायत में बैठक कर निर्णय होने के बाद भी दी जा रही मारपीट की धमकी, समाजजन ने मांगी प्रशासन से मदद
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भेड़ चराने के लिए महाराष्ट्र ले जाते हैं स्थानीय धनगर समाज के लोग, इस बार रोक से हो रही परेशानी
बुरहानपुर। धनगर समाज मप्र और महाराष्ट्र के बीच चारे की लड़ाई चल रही है। महाराष्ट्र के धनगर समाज का कहना है कि मप्र से भेड़ पालक हमारे प्रदेश के अमरावती, बुलढ़ाणा, जलगांव, अमरावती, अकोट में भेड़ चराने आते हैं, लेकिन इससे महाराष्ट्र में चारे की समस्या हो जाती है। इसलिए इस बार महाराष्ट्र में भेड़ चराने पर धनगर समाज ने रोक लगा दी है। इसे लेकर स्थानीय धनगर समाज चिंतित है, क्योंकि हजारों की संख्या में भेड़ महाराष्ट्र चराई के लिए ले जाई जाती है, लेकिन इस बार दो प्रदेशों के एक ही समाज के लोगों के बीच पटरी नहीं बैठ पा रही है।
दरअसल बुरहानपुर जिले में रहने वाले धनगर समाज के लोग जो भेड़ पाल कर अपना जीवन यापन करते हैं उनके लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। समाज के लिए यह मुसीबत किसी और ने नहीं बल्कि महाराष्ट्र में रहने वाले उनके ही समाज ने खड़ी की है। धनगर समाज के भेड़ पालक अपने मवेशियों को चराने के लिए महाराष्ट्र के खेतों व जंगलो में ले जाते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के धनगर समाज के भेड़ पालकों ने मप्र के भेड़ पालक धनगर समाज के लोगों को अपने मवेशी चराने के लिए महाराष्ट्र में चारे की कमी का हवाला देते हुए प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पंचायत बुलाई फिर भी नहीं हो पाया निर्णय
धनगर समाज ने इसके लिए अपने समाज की महाराष्ट्र में पंचायत भी बुलाई, लेकिन पंचायत ने भी महाराष्ट्र के धनगर समाज के हक में फैसला किया और मप्र के धनगर समाज के भेड़ पालकों को अपने मवेशियों को महाराष्ट्र में चराने के लिए नहीं लाने की सलाह दी। इससे परेशान मप्र के धनगर समाज के लोगों ने महाराष्ट्र और मप्र दोनों राज्य की सरकार और शासन प्रशासन से मदद की गुहार की है। स्थानीय धनगर समाज के लोग अकोला, अमरावती, जलगांव, बुलढाणा आदि जिलों में पशु ले जाते हैं।
मारपीट करने की धमकी से समाजजन आहत
इसे लेकर धनगर समाज के लोगों ने जिला प्रशासन के अफसरों को ज्ञापन देकर महाराष्ट्र में अपने मवेशियों को चराने के लिए जाने पर सुरक्षा देने की मांग की है। धनगर समाज के अध्यक्ष दिगंबर करांडे, भेड़ पालक डेमा गोईकर ने कहा- समाज के लोगों ने उन्हें महाराष्ट्र मवेशियों को चराने के लिए लाने पर मारपीट करने की धमकी दी है। इसलिए प्रशासन संज्ञान ले, क्योंकि अगर रोक के बाद हम वहां पशु लेकर गए तो हमारे साथ मारपीट की जाएगी। इसकी खुली चेतावनी वहां के लोग दे चुके हैं।
मराठी में लिखकर लाए आवेदन
खास बात यह है कि धनगर समाजजन ने इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर महाराष्ट्र के मंत्री, विधायकों, प्रशासन को भी की है। वह यहां भी मराठी में ज्ञापन लिखकर लाए थे। हालांकि मामले में अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
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