नई दिल्ली। मंगलवार को हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। इस दौरान राज्य की सत्ता में पिछले 10 साल से काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जनता ने फिर से सरकार में बिठाने का फैसला किया। हरियाणा चुनाव के नतीजे ने पूरे देश को हैरान कर दिया। जहां मतदान के बाद सारे एग्जिट पोल कांग्रेस को भारी बहुमत से जिता रहे थे, वहीं इस परिणाम ने फिर से सत्ता की चाबी बीजेपी को सौंप दी।
बीजेपी कैसी जीती हारी हुई बाजी?
गौरतलब है कि इसी हरियाणा में कुछ महीने पहले यानी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस (CONGRESS) के पक्ष में माहौल दिखाई पड़ रहा था। उस वक्त कांग्रेस ने राज्य 10 लोकसभा सीटों में से 5 पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव के बाद माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एकतरफा जीत दर्ज करेगी, हालांकि अब नतीजे कुछ और ही आए हैं। नतीजों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा ने हरियाणा में हारी हुई बाजी को कैसे जीता। इस सवाल का जवाब का जानने के लिए हमें चार महीने पीछे चलना पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में झटका खाने के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए एक नई रणनीति बनाने पर काम शुरू किया।
इस नेता को बनाया चुनाव प्रभारी
पीएम नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा चुनाव में बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी अपने सबसे भरोसेमंद नेता धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी। बीजेपी ने प्रधान को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बनाया। चुनावी कमान मिलने के बाद प्रधान ने हरियाणा में नए प्रयोग करना शुरू किया। उन्होंने राज्य की उन सीटों को चिन्हित किया, जहां पर भाजपा के खिलाफ ज्यादा विरोध है। इसके बाद निर्दलियों को साधकर उन्होंने बीजेपी को विरोध में पड़ने वाले वोटों को बांट दिया। इसके साथ ही चुनाव को कैसे जाट वर्सेज नॉन जाट किया जाए, इस पर भी बीजेपी के रणनीतिकारों ने बहुत मेहनत की। जिसका नतीजा ये हुआ कि हरियाणा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।