19.9 C
Burhānpur
Friday, November 15, 2024
19.9 C
Burhānpur
Homeअपराधनेशनल लोक अदालत- खानपान, रहन सहन अलग अलग होने की बात पर...
Burhānpur
overcast clouds
19.9 ° C
19.9 °
19.9 °
50 %
2kmh
94 %
Fri
31 °
Sat
31 °
Sun
31 °
Mon
31 °
Tue
29 °
spot_img

नेशनल लोक अदालत- खानपान, रहन सहन अलग अलग होने की बात पर भी पति, पत्नी में हो जाते हैं विवाद

लोक अदालत में न्यायाधीश की समझाईश पर सुलझे मामले, कईं महिलाएं अदालत से ही सीधे ससुराल पहुंची

बुरहानपुर। न किसी की जीत न किसी की हार। इस कान्सेप्ट के साथ लोक अदालत का आयोजन होता है। शनिवार को भी लोक अदालत लगी जिसमें प्रकरणों का निराकरण हुआ। खास बात यह है कि मामूली से विवाद में ही कईं महिलाओं ने ससुराल को छोड़कर मायका अपना लिया था। जब उन्हें न्यायाधीश ने समझाईश दी तब कईं महिलाएं सीधे कोर्ट से अपनी ससुराल भी पहुंची।
इस साल की आखिरी नेशनल लोक अदालत शनिवार को आयोजित हुई। जिसमें 12 खंडपीठ के माध्यम से 2242 केसेस रखे गए इसमें अपराधिक, सिविल, श्रम न्यायालय, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना अधिनियम सहित अन्य प्रकरण शामिल थे। जबकि नगर निगम, बिजली कंपनी, बीएसएनएल आदि के 6252 प्रकरण भी सुलह समझौते के लिए रखे गए। कुटुंब न्यायालय में पारिवारिक विवाद के 16 मामलों में से दोपहर एक बजे तक 4 मामलों का निराकरण किया गया।
आपसी समझौते से महिलाओं को भेजा घर
कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश शेख सलीम के अनुसार ऐसे मामले सामने आए जिसमें छोटी छोटी बातों पर महिलाएं मायके चली गई थी। 16 केसेस रखे गए थे। कईं का निराकरण कर महिलाओं को उनके घर भेजा गया। उन्होंने कहा खानपान, रहन सहन अलग अलग होने के कारण भी पति, पत्नी के बीच विवाद होते हैं जो न्यायालय में आते हैं। यहां उन्हें समझाईश देकर निराकरण कराया जाता है।
पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रही लोक अदालत
प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव ने कहा-12 खंडपीठ बनाकर प्रकरणों का निराकरण कराया गया। नगर निगम, बिजली कंपनी, बीएसएनएल आदि के प्रकरण भी निराकृत हुए। सुलह समझौते होने के बाद पक्षकारों को पौधे देने की परंपरा है ताकि पर्यावरण भी संरक्षित रहे। अधिकांश लोग अपने घरों पर यहां से मिले पौधे ले जाकर लगाते है। न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव शुक्ल ने कहा लोक अदालत के माध्यम से ना केवल मतभेद, बल्कि मनभेद भी दूर होते हैं। यह इस साल की अंतिम लोक अदालत थी जिसमें लंबित मामलों का निराकरण किया गया। इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष युनूस पटेल, सचिव संतोष देवताले सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।
कोर्ट से सीधे ससुराल पहुँची महिला, 51 प्रकरणों का हुआ निराकरण
सिविल न्यायालय नेपानगर में शनिवार को एक दिवसीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर की अध्यक्ष व प्रधान जिलाए सत्र न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव की अध्यक्षताए सचिव आशुतोष शुक्ल के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। सिविल न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ न्यायाधीश डॉ गौरव गर्ग द्वारा महात्मा गांधी जी के फोटो पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित कर किया गया। न्यायाधीश डॉ गौरव गर्ग के समक्ष राजीनामे योग्य 51 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
न्यायाधीश डॉ गौरव गर्ग ने बताया हर तीन महीने में लगने वाली लोक अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। जिसमे चेक बाउंस, विवाह संबधी विवाद, घरेलू हिंसा, भरण पोषण, चोरी, रजिस्ट्री व आपराधिक मामलो में पक्षकारों को समझाइश देकर समझौता होता है। लोक अदालत में राजी खुशी से फैसले लिए जाते है जहां लोग कोई मतमुटाव ना रखते हुए समझौता कर अपने घर जाते हैं।
न्यायालय से ही पति के साथ ससुराल गई पत्नी
शनिवार को लोक अदालत के प्रकरणों में से विवाह संबंधी विवाद मामले में पिछले छह माह से अलग अलग रह रहे पति पत्नी को पीएलवी द्वारा समझाइश देकर सुलह करवाया जिस पर दोनों ने फूल देकर साथ में रहने का फैसला लिया। वहीं पत्नी न्यायालय से ही पति के साथ ससुराल गई। इस दौरान पीएलवी एलएल लौवंशी, महेश शिवहरे, शहजाद अली सहित अधिवक्ताए न्यायालय स्टाफ मौजूद रहा।
नगर पालिका में भी हुआ प्रकरणों का निराकरण
शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में नेपानगर नगर पालिका में 118 प्रकरणों का निराकरण कर 1ण्75 लाख 280 रूपए की वसूली हुई। नपा सीएमओ धीरेंद्र सिकरवार के अनुसार कुल 118 प्रकरणों का निराकरण हुआ इसमें संपत्तिकर के 7, समेकित कर के 58, गुमठी किराया 1, जल कर के 52 प्रकरणों का निराकरण हुआ।
यह हल हुए जिले में मामले-
लोक अदालत के लिए कुल 12 खंडपीठ गठित की गई। 1 हजार 817 प्रकरण निराकृत किए गए जिनमें न्यायालय में लंबित समझौता योग्य 585 प्रकरण, प्रिलीटिगेशन से संबंधित बैंकों के प्रकरण, नगरपालिका के सम्पत्ति कर, जलकर तथा विद्युत विभाग, बीएसएनएल, परिवार परामर्श केन्द्र के प्रिलिटिगेशन के कुल 1 हजार 232 मामलों का निराकरण हुआ है। निराकृत मामलों में 6 करोड़ 78 लाख 85 हजार 69 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। 2 हजार 728 व्यक्ति लाभान्वित हुए। समझौता योग्य प्रकरणों के निराकरण होने पर पौधें भी भेंट किये गए।

spot_img
spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

spot_img
spot_img